भारत सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने और उनके जीवन स्तर को सुधारने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) की शुरुआत की थी। योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब परिवारों को स्वच्छ रसोई गैस कनेक्शन प्रदान करना है जिससे महिलाएं धुएं से होने वाली बीमारियों से बच सकें और उन्हें खाना बनाने के लिए स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण मिल सके। इस योजना के दो सफल चरणों के बाद अब प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का तीसरा चरण शुरू किया गया है। आइए जानते हैं कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना 3.0 में क्या विशेष है और यह किस प्रकार लोगों के जीवन में बदलाव लाएगी।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना 3.0 का उद्देश्य
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना 3.0 का उद्देश्य उन परिवारों तक एलपीजी कनेक्शन पहुंचाना है जो अब तक इस सुविधा से वंचित थे। सरकार का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक गरीब परिवारों, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं को लाभ मिले। उज्ज्वला योजना का यह नया चरण उन परिवारों की स्थिति में सुधार लाने का प्रयास है जो अब तक लकड़ी गोबर के उपले जैसे परंपरागत ईंधन पर निर्भर थे।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना 3.0 के तहत लाभार्थियों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन पहला रिफिल और गैस स्टोव प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त सरकार ने रिफिल सब्सिडी का प्रावधान भी रखा है ताकि इन परिवारों को बार-बार रिफिल करने पर अधिक आर्थिक बोझ का सामना न करना पड़े।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना 3.0 पात्रता
उज्ज्वला योजना के तीसरे चरण में पात्रता संबंधी शर्तों को थोड़ा सरल बनाया गया है ताकि अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें। इस योजना में वे महिलाएं आवेदन कर सकती हैं जो गरीब परिवार से संबंध रखती हैं भारतीय नागरिक हैं और जिनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक है। योजना का मुख्य फोकस उन परिवारों पर है जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आते हैं और जिन्हें अब तक किसी प्रकार की सरकारी एलपीजी सुविधा नहीं मिल पाई थी।
इस बार सरकार ने विशेष रूप से प्रवासी श्रमिकों और असंगठित क्षेत्र में कार्यरत लोगों को भी योजना में शामिल किया है। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि वे लोग जो दूसरे राज्यों में काम करने जाते हैं और रसोई गैस की सुविधा से वंचित रहते हैं उन्हें भी इस योजना का लाभ मिल सके।
उज्ज्वला योजना 3.0 के लाभ
- चूल्हे के धुएं से निकलने वाले विषैले पदार्थ महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हैं।
- एलपीजी का उपयोग करने से इस समस्या का समाधान होता है जिससे स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- एलपीजी कनेक्शन मिलने से महिलाओं का समय और मेहनत बचती है जो पहले ईंधन इकट्ठा करने में खर्च होता था।
- इस समय को अब वे अन्य गतिविधियों में निवेश कर सकती हैं।
- लकड़ी और कोयले के इस्तेमाल से वायु प्रदूषण बढ़ता है जिससे पर्यावरण को नुकसान होता है।
- एलपीजी का इस्तेमाल एक स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है जो पर्यावरण के अनुकूल है।
- यह योजना महिलाओं को स्वावलंबी बनाती है क्योंकि उन्हें रसोई गैस जैसी महत्वपूर्ण सुविधा मिलती है।
- इस सुविधा से महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार होता है और उन्हें समाज में आगे बढ़ने का अवसर मिलता है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना 3.0 आवेदन प्रक्रिया
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना 3.0 का आवेदन प्रक्रिया भी सरल है। इच्छुक महिलाएं अपने नजदीकी एलपीजी वितरक के पास जाकर फॉर्म भर सकती हैं या फिर ऑनलाइन भी आवेदन कर सकती हैं। आवेदन के समय कुछ दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, और बैंक खाता की जानकारी की आवश्यकता होती है।
एक बार आवेदन सफलतापूर्वक स्वीकार हो जाने के बाद लाभार्थियों को गैस कनेक्शन, सिलेंडर और स्टोव प्रदान किया जाता है। योजना में शामिल लाभार्थियों को प्रत्येक रिफिल के लिए सब्सिडी भी दी जाती है जिससे उनके लिए रिफिल करना सस्ता और किफायती होता है।