नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) शुरू की है। इस योजना के तहत बढ़ई, लोहार, सुनार, मोची, कुम्हार, नाई, राजमिस्त्री सहित कई पारंपरिक पेशे से जुड़े लोगों को आर्थिक व तकनीकी मदद दी जाती है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इस योजना में हर उम्र के लोग जुड़ सकते हैं या नहीं?
कौन लोग उठा सकते हैं लाभ
सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक इस योजना का लाभ केवल उन्हीं लोगों को मिलेगा जो पारंपरिक शिल्प या कारीगरी से जुड़े हों और 18 साल या उससे अधिक उम्र के हों। 18 साल से कम उम्र के लोग इस योजना में आवेदन नहीं कर सकते। वहीं ऊपरी उम्र सीमा तय नहीं की गई है। यानी 18 साल से ऊपर के किसी भी व्यक्ति को अगर वह कारीगरी से जुड़ा है तो योजना का लाभ मिल सकता है।
पात्रता को लेकर मुख्य बातें
- आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए।
- उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
- व्यक्ति किसी पारंपरिक कारीगरी या शिल्प से जुड़ा होना चाहिए।
- सरकारी नौकरी में होने वाले व्यक्ति इस योजना का लाभ नहीं ले सकते।
- एक समय में अन्य सरकारी योजनाओं के साथ इस योजना का लाभ नहीं लिया जा सकता।
PM Vishwakarma Yojana के तहत मिलेंगे ये लाभ
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों को कौशल प्रशिक्षण (स्किल ट्रेनिंग), आधुनिक टूलकिट, वित्तीय सहायता और बैंक लोन जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। पहले चरण में 1 लाख रुपये तक और आगे चलकर 2 लाख रुपये तक का लोन बेहद कम ब्याज दर पर दिया जाएगा। साथ ही डिजिटल भुगतान करने पर अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि भी मिलेगी।
आवेदन की प्रक्रिया
इच्छुक आवेदक https://pmvishwakarma.gov.in पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। यहां अपनी व्यक्तिगत व व्यवसाय से जुड़ी जानकारी भरनी होगी और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे। इसके बाद सत्यापन प्रक्रिया पूरी होगी और पात्र उम्मीदवारों को योजना के लाभ दिए जाएंगे।
सरकार का कहना
सरकार का मानना है कि पीएम विश्वकर्मा योजना देश के लाखों कारीगरों के लिए आत्मनिर्भर बनने का सुनहरा मौका है। इस योजना के जरिए न केवल उन्हें वित्तीय मदद मिलेगी बल्कि आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण और उपकरण भी मिलेंगे, जिससे उनका काम आसान और तेज होगा।